किम जोंग-उन का नया खतरा: उत्तर कोरिया की मिसाइलों से दुनिया में मचा हड़कंप!

उत्तर कोरिया एक बार फिर चर्चा में है। एक बार फिर, उसके नेता किम जोंग-उन ने लंबी दूरी की मिसाइलें दागी हैं। ये शक्तिशाली मिसाइलें संयुक्त राज्य अमेरिका तक पहुंच सकती हैं। अब दुनिया भर में डर है। इस नए खतरे को देखते हुए अमेरिका और दक्षिण कोरिया सतर्क हैं।

उत्तर कोरिया ने एक नई मिसाइल परीक्षण की शुरुआत की है

उत्तर कोरिया ने रविवार को समुद्र में “ह्वासोंग-15” बैलिस्टिक मिसाइल और नई लंबी दूरी की क्रूज मिसाइलें दागी। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने बताया कि परीक्षण का उद्देश्य देश की परमाणु रक्षा क्षमता को बढ़ाना था। यह मिसाइल लगभग 53 मिनट हवा में रही और फिर करीब 1,000 किलोमीटर दूर जापान सागर में गिरी।

अब यह मिसाइल अमेरिका के बीच से पश्चिमी किनारे तक जा सकती है। यानी उत्तर कोरिया चाहे तो अमेरिका के किसी भी शहर पर हमला कर सकता है।

क्यों उत्तर कोरिया हथियारों की जांच कर रहा है?

दुनिया भर के प्रतिबंधों से किम जोंग-उन बिल्कुल नहीं डरते। “युद्ध की तैयारी रखो,” उन्होंने अपनी सेना से कहा।वे सोचते हैं कि अमेरिका साउथ कोरिया को बचाता है और दुश्मन है। यही कारण है कि वे अमेरिका को असली शत्रु मानते हैं।

इसी कारण लगातार मिसाइल टेस्ट किए जा रहे हैं। वह इससे दिखाना चाहते हैं कि उनका देश अब बहुत शक्तिशाली हो गया है।

किम जोंग-उन का विचार: आत्मरक्षा या उत्तेजना?

कोरियन न्यूज एजेंसी ने कहा कि किम जोंग-उन ने नए परीक्षणों से खुश हो गया। उनका कहना था कि ये मिसाइलें देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। उन्हें आत्मरक्षा का अधिकार मिला।

लेकिन बाहरी जगत इसे खतरा मानती है। इस तरह के उत्तर कोरिया के परीक्षणों पर पहले ही यूएन ने रोक लगा दी है। किम इसके बावजूद जारी रखे हुए हैं।

दक्षिण कोरिया ने कहा, “हम तैयार हैं”

दक्षिण कोरिया ने कहा कि वे पहले से ही मिसाइल लॉन्च की सूचना थी। तुरंत उनकी सेना और नौसेना ने सटीक मारक मिसाइलें दागीं। उनका प्रदर्शन था कि वे पूरी तरह से तैयार हैं अगर उत्तर कोरिया हमला करता है।

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने इसे “लापरवाह उकसावा” बताया। उनका कहना था कि अगर ऐसा चलता रहा तो अमेरिका उत्तर कोरिया पर हमला कर सकता है।

ह्वासोंग-15: वह मिसाइल जो सबसे बड़ी है

ह्वासोंग-15 एक शक्तिशाली मिसाइल है। यह तरल ईंधन से चलता है और दो भागों में काम करता है। पुरानी ह्वासोंग-14 में सिर्फ एक इंजन था, लेकिन इसमें दो रॉकेट इंजन हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल 13,000 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है, यानी पूरे अमेरिका को मार डाल सकती है। अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा कि यह मिसाइल “दुनिया में कहीं भी” निशाना साध सकती है।

विशेषज्ञों का मत

यह मिसाइल अब बहुत विकसित हो गई है, कहते हैं कई वैज्ञानिक।
यह अब अधिक सटीक है क्योंकि यह नया बनाया गया है।
इसमें एक पोस्ट-बूस्ट नियंत्रण सिस्टम भी लगाया गया है, जो पेलोड, या विस्फोटक भाग, को सही रास्ते पर ले जाता है।
इससे भी अमेरिकी मिसाइल सुरक्षा प्रणाली को धोखा देना आसानी से हो सकता है।

लेकिन कुछ विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया को अभी और परीक्षण करना होगा कि वह अपनी मिसाइलों को वापस धरती पर लाए। इसके बिना यह तय नहीं हो सकता कि मिसाइल वारहेड सही हालत में लक्ष्य तक पहुंचेगा या नहीं।

अमेरिकी प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, “हम इससे निपट लेंगे।”अमेरिकी राजनयिकों और रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि ऐसे परीक्षण दुनिया को “युद्ध के और करीब” ले जा रहे हैं।

US प्रतिनिधि निक्की हेली ने कहा, “अगर युद्ध हुआ, तो इसकी वजह उत्तर कोरिया की हरकतें होंगी।”उन्होंने कहा कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता, लेकिन स्थिति बदतर हो गई है।

उत्तर कोरिया ने परमाणु हथियार बनाए हैं?

KCNA की रिपोर्ट में कहा गया कि देश ने इस मिसाइल टेस्ट से “अपनी परमाणु शक्ति को पूरा करने का ऐतिहासिक लक्ष्य” पूरा किया है। उत्तर कोरिया ने अब अपना लक्ष्य पाया है।

दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने हालांकि इसे “शब्दों का खेल” बताया। उन्हें लगता है कि घरेलू लोगों को खुश करने के लिए यह बयान दिया गया है। असल में, उत्तर कोरिया को और अधिक परीक्षण करने की जरूरत होगी ताकि विश्व ने उसके सिस्टम को “भरोसेमंद” समझ लिया होगा।

किम जोंग-उन और संयुक्त राज्य अमेरिका के संबंध

किम और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कुछ साल पहले मुलाकात की थी। शुरुआत में अच्छी बातचीत हुई, लेकिन बाद में वह समाप्त हो गई।
किम जोंग-उन ने कहा कि बातचीत फिर से शुरू हो सकती है अगर अमेरिका “परमाणु निरस्त्रीकरण” की शर्त छोड़ दे।
विशेषज्ञों का कहना है कि किम अपने शक्तिशाली हथियारों का उपयोग कर सकता है, जिससे वह नई बातचीत में अधिक रियायतें पाना चाहता है।

किम की मिसाइल नीति: भय या शक्ति

ये उत्तर कोरियाई मिसाइल टेस्ट बहुत कुछ बताते हैं।

पहला: Kim चाहते हैं कि उनका देश अब किसी से डरने वाला नहीं है।

दूसरा: यह दिखाने की कोशिश है कि वे संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ खड़े हो सकते हैं।

तीसरा: ये टेस्ट उनकी देशव्यापी शक्ति का प्रमाण हैं।

किम जोंग-उन अपनी सत्ता कायम रखना चाहते हैं, चाहे इसके लिए पूरी दुनिया परेशान हो जाए।

उत्तर कोरिया और जापान की चिंताएं

जापान और साउथ कोरिया लगातार खतरों में हैं।
जापान सागर में मिसाइल गिरने से स्थानीय लोग भयभीत हैं।
दोनों देशों की सरकारें अमेरिका के साथ संयुक्त अभ्यास कर रही हैं।
ताकि वे जरूरत पड़ने पर तुरंत जवाब दे सकें, वे अपनी सुरक्षा प्रणाली भी मजबूत कर रहे हैं।

उत्तर कोरिया: विश्व की दृष्टि

अब हर देश की दृष्टि अगले कदम पर है।
उत्तर कोरिया में जल्द ही एक बड़ा सम्मेलन होने वाला है।
दुनिया देखना चाहती है कि किम जोंग-उन नई मिसाइलों का प्रदर्शन करेंगे या अमेरिका से बातचीत का कोई नया तरीका खोजेंगे।

किम जोंग-उन की सोशल मीडिया मौजूदगी

किम जोंग-उन खुद सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं।
लेकिन उनके बयान और मिसाइल परीक्षणों के वीडियो, तस्वीरें और खबरें हर प्लेटफ़ॉर्म पर उपलब्ध हैं।
इंस्टाग्राम, यूट्यूब और ट्विटर पर उनके नाम से कई अनऑफिशियल अकाउंट सक्रिय हैं।
इन पर लोग मीम बनाते हैं, खबरें साझा करते हैं और कभी-कभी मजाक भी उड़ाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने भी अपनी हर गतिविधि पर ट्वीट या बयान किया है।

किम जोंग-उन की संपत्ति और जीवनशैली

उत्तर कोरिया में किम जोंग-उन सबसे अमीर और शक्तिशाली व्यक्ति हैं।
सरकार लगभग सभी संसाधन, उद्योग और व्यापारिक नेटवर्क पर पूरा नियंत्रण रखती है।
विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों ने उनकी निजी संपत्ति को करोड़ों डॉलर में बताया है।
उन्हें लग्जरी गाड़ी, याट और विदेशी शराब अच्छी लगती है।
किम जोंग-उन की शाही जीवनशैली बनी रहती है, भले ही देश आर्थिक संकट में हो।

भविष्य क्या कहेगा?

आगे क्या होगा?
क्या उत्तर कोरिया अपनी मिसाइल नीति में कुछ और करेगा?
या बातचीत फिर से शुरू होगी?

दुनिया चाहती है कि ये हिंसा समाप्त हो जाए।
किम जोंग-उन अपनी ताकत दिखाने से शायद पीछे नहीं हटें।
शांति का रास्ता कठिन होगा जब तक वह अमेरिका और साउथ कोरिया को चुनौती देता रहेगा।

उत्कर्ष

आज उत्तर कोरिया की मिसाइलें दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती बन गई हैं।
किम जोंग-उन शांति कायम करना चाहते हैं, जबकि दूसरे देश अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं।
सबका ध्यान अब अगले कुछ हफ्तों पर है— क्या किम कुछ समझौता करेंगे या फिर एक और विस्फोट करेंगे?

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